अपना कद कैसे बढाएं? How to increase height ?


अपना कद कैसे बढाएं?

        जब भी मीडिया में कद लंबा करने से संबंधित विज्ञापन आते हैं तो अनायास ही लाखों लोगों का ध्यान उनकी ओर जाता है और स्वाभाविक भी है I जिस व्यक्ति की जो लालसा होती है वह उसी ओर खिंचा चला जाता है I व्यापार जगत के लोग, लोगों की इन्हीं भावनाओं का फायदा उठाकर अपना व्यवसाय चलाए हुए हैं I हमारा कद तो नहीं बढ़ पाता, पर हां इन कंपनियों का मुनाफा अवश्य बढ़ता है I
कुछ समय पहले मैं बहुत से ऐसे युवकों से मिला जिन्होंने अपने दोनों कानों पर बहुत ही बारीक बारीक स्ट्रिप्स चिपकाए हुई थी I पूछने पर उन्होंने बताया कि वह कद बढ़ाने के काम आती हैं I किसी वैद्य ने उन्हें दी हैं I बहुत सारी कद बढ़ाने वाली  दवाओं और यंत्रों का विज्ञापन भी हम आए दिन अखबारों  या टीवी में देखते रहते हैं I
आइए जानते हैं, इसके पीछे का राज क्या है?  अक्सर आपने देखा होगा कि इन दवाओं और यंत्रों का इस्तेमाल करने वाले अधिकतर किशोर होते हैं I यह भी आप अच्छी तरह जानते हैं कि शारीरिक विकास की प्रक्रिया अभी किशोरावस्था में ही अपने चरम पर होती है I इस दौरान इन दवाओं का सेवन नहीं करने वालों का भी कद बढ़ता रहता है और वह उतना ही बढ़ता है जितना कि उसके डीएनए के मुताबिक बढ़ना होता है I जबकि इन दवाओं का सेवन करने वाले यह समझ बैठते हैं कि यह बढ़ोतरी उन दवाओं की वजह से ही है, और इस भ्रम के कारण वे इन दवाओं का प्रचार भी करते रहते हैं I
हां, एक फायदा  यह जरूर होता है कि वे बढ़ोतरी की रफ्तार को बढ़ा देते हैं Iलेकिन व्यक्ति बढ़ेगा उतना ही जितना जेनेटिक लिहाज से उसे बढ़ना चाहिए I जिस तरीके से अगर पालक के पौधे में अधिक खाद डाल दिया जाए तो वह गन्ने के बराबर नहीं हो जाता है I ठीक वैसे ही जैसे एक चूहे को अगर कद बढ़ाने वाली दवा दे दी जाए तो वह बिल्ली जितना  लंबा नहीं हो सकता i
कद का खाने पीने से भी कोई विशेष संबंध नहीं है i आपको कई भिखारी भी काफी ऊंचे कद के मिल जाएंगे और बहुत से अमीर भी छोटे कद के मिल जाएंगे I आपको सगे भाई बहनों  मैं भी एक लंबा और एक छोटे कद का हो, ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाएंगे I इसलिए मेरा सुझाव यही है कि इन दवाओं के सेवन से बचें और ईश्वर के द्वारा प्रदत्त शारीरिक बनावट को ही वरदान समझें I व्यक्ति की सफलता का निर्धारण कद से नहीं होताI उसके कर्मों से होता है I मा -बाप व अभिभावक भी इस बात पर गौर करें व  बच्चों को कुंठित होने से बचाएं Iभ्रामक विज्ञापनों के चक्कर में न पड कर, वास्तविकता को स्वीकार कर आगे बढ़े I





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