हिंदी समास गाने के माध्यम से (व्याकरण ज्ञान )
समास लोकगीत (व्याकरण ज्ञान
)
यह समास बणा फिरे दादा जग में, कुणबा कितना
होरया,
बेटा होगा चार जो इसकै और
पोता कितना होरया, II टेक II
प्रथम,
द्वितीय पद से भैया मिलकर समास बना है,
दोनों पद जब
मिल जाते तो समस्त पद बना है,
समस्त पद समास
ही होता, जिसका यह कुनबा है,
पहले का है
नाम अव्ययी, दूजे का तत्पुरुष है,
तीजे को कहते
हैं द्वंद्व और
बहुव्रीहि चौथा होरया,
बेटा होगा चार जो इसकै और
पोता कितना होरया,
यह समास बणा फिरे दादा जग में, कुणबा कितना
होरया,
सबके हैं
सिद्धांत अलग, पहचान है सबकी न्यारी,
पहले मैं पहला पद भारी, तत्पुरुष में दूजा भारी,
द्वंद्व में
दोनों है बराबर , बहुव्रीहि की है न्यारी,
दोनों को ही
लगा आड़ में कोई अन्य बने प्रभारी,
बेटों का हुआ
जिकर अभी तक, आगे पोतां का होरया,
बेटा होगा चार जो इसकै और
पोता कितना होरया,
यह समास बणा फिरे दादा जग में, कुणबा कितना
होरया,
इन बेटां मै हुई
एक की शादी, वो तत्पुरुष है भाई,
शेष बने हैं
सहायक सारे, जैसे हो पांडव भाई,
कर्मधारय है
जो सबसे पहले विशेषण लगता भाई,
द्विगु समास
में पहला पद संख्यावाचक हो भाई,
नय तत्पुरुष
अभाव दिखाता, जो असहाय सा होरया,
बेटा होगा चार जो इसकै और
पोता कितना होरया,
यह समास बणा फिरे दादा जग में, कुणबा कितना
होरया,
इसके अलावा
विभक्ति लोप भी है, तत्पुरुष के बेटे,
जो कारक चिन्ह
गायब होंगे , वे उसी नाम के होते,
कर्म, करण,
संप्रदान, उपादान, संबंध, अधिकरण होते ,
ये हैं इसके
भेद दूसरे, जो सबसे हटकर होते,
’चमन’ बतावे अलुक तत्पुरुष में ना लोप विभक्ति होरया,
बेटा होगा चार जो इसकै और
पोता कितना होरया,
यह समास बणा फिरे दादा जग में, कुणबा कितना
होरया,
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अनुशासन का महत्त्व भाषण # 15अगस्त / 26 जनवरी
पत्र लेखन प्रारूप parody
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