अनुशासन (Discipline) क्यों जरुरी है ?
हम में से हर कोई
स्वछंद जीवन जीना चाहता है I हम अपने तरीके से जीवन जीना चाहते हैं I हम नहीं
चाहते कि कोई भी हमें किसी बात पर टोके Iलेकिन शायद हम ये भूल जाते हैं कि सभी
दवाइयां मीठी नहीं होती और इलाज करवाने के लिए हमें कडवी दवाइयों का भी सेवन करना
पड़ता है I अनुशासन भी एक कडवी दवा है I जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासित होना
अति आवश्यक है I हमारे अध्यापक, माता- पिता या शुभचिंतक हमें न चाहते हुए भी इस
अनुशासन रूपी कडवी दवा का सेवन करवाते रहते हैं I
कुछ काम न चाहते हुए भी हमें करने पड़ते हैं I हम,
अध्यापक या माता पिता न चाहते हुए भी
बच्चों को टोकते हैं, डांटते हैं –क्योंकि हम उनका भला चाहते हैं I एक मां दिनभर
मजदूरी करने के बाद घर के काम निपटाती है बच्चों को संभालती है और फिर थकी हारी सो
जाती है I लेकिन रात को अगर उसका बच्चा रोने लग जाये तो क्या वह नहीं जागेगी ?
अवश्य जागेगी जनाब, क्योंकि प्यार और जिम्मेदारी का अहसास उसे ऐसा करने को मजबूर
करते है I ठीक इसी प्रकार न चाहते हुए भी अध्यापक और माता –पिता जब बच्चों को कुछ गलत करते हुए पातें हैं तो उनको डांटते और
धमकाते हैं I
एक बार एक लड़का अपने
पिता के साथ छत पर खडा पतंगबाजी का आनन्द ले रहा था I उसने अपने पिता से कहा कि
अगर पतंग डोर से बंधा नहीं होता तो यह पतंग दूर आसमान कि और उड़ जाता I पिता ने कहा
चलो देखते हैं क्या होता है? पिता ने पतग कि डोर तोड़ दी I देखते ते हि देखते पतंग
जमीन पर जा गिरा I इस पर पिता ने बेटे से बताया कि ये डोरी हि थी जो पतंग को आसमान
में उड़ने में मदद कर रही थी I
ठीक ऐसे हि हमारे जीवन में भी अनुशासन रूपी
डोर हमें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती रहती है I जब कोई अध्यापक बच्चों को
डांटता है तो उन्हें बुरा लगता है, बच्चे सोचते है कि वह उनका बुरा चाहता है I लेकिन वास्तव में वह बच्चों का हितेषी होता है I
अनुशासन अपनेपन के
इजहार का एक तरीका हैI वो कौन लोग हैं जो ये चाहते हैं कि आप अनुशासित रहें I ये
वही लोग हैं जो यह चाहते हैं कि आप जीअवन में सफल हो I इसके लिए उन्हें कई बार
आपके साथ सख्ती से भी पेश आना होता है I
प्रेम और अनुशासन
में पले बढे बच्चे बड़े होकर एक जिम्मेदार नागरिक बनते हैं व कानून सम्मत आचरण
करतें है अच्छे मा बाप व अध्यापक अनुशासन
लागु करने से कभी नहीं हिचकते, भले हि कुछ देर के लिय बच्चे उन्हें नापसंद करते
हों I
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