दानवीरों को सलाम ( कोरोना आपदा)
दानवीरों को सलाम
तर्ज- के जानै वा, भाण नै भाई कितना प्यारा हो सै
अरे! हाथ जोड़ सम्मान करूँ
मैं, उन महा दान वीरों का,
जब भी विपत पड़ी भारत मै, रहा योगदान वीरों का,
हुए भामाशाह जैसे दानी
यहां पै, महारा इतिहास बतावै
दे सारा खजाना अपने राजा नै, मेवाड़ की लाज बचावै
आज दाताओं की कमी नहीं है, जो अपना देश बचावै,
धन दौलत न्योछावर कर दें, तो दानवीर कहलावै
देश के आन बान की खातिर
-2 ....... हो परोपकार वीरों का
, जब भी विपत पड़ी भारत मै,
रहा योगदान वीरों का,
अरे! हाथ जोड़ सम्मान करूँ
मैं, उन महा दान वीरों का,
कोरोना वायरस छाया भयंकर, विपदा पड़ गई भारी
सारा भारत एकजुट हो गया, हुई लड़ने की तैयारी,
नेता- सेठ, अभिनेता –जनता, हो चाहे कर्मचारी,
दाताओं ने बढ़ चढ़कर कर दी, धन की वर्षा भारी,
भूलेगा नहीं देश कभी भी,--2 एहसान
दान वीरों का,
जब भी विपत पड़ी भारत मै,
रहा योगदान वीरों का,
अरे! हाथ जोड़ सम्मान करूँ
मैं, उन महा दान वीरों का,
कुदरत की रचना है मानव,
सबसे सुंदर -प्यारी,
कर्ण वीर जैसे दानी जन्मे,यह जाने दुनिया सारी
लिया महापुरुषों ने जन्म यहां, ये पावन धरा
हमारी,
वतन से बढ़कर कुछ ना होता, सोच थी उनकी
न्यारी,
झुक कर करें सलाम धरा को —2 यहां जन्म हुआ वीरों का,
जब भी विपत पड़ी भारत मै,
रहा योगदान वीरों का,
अरे! हाथ जोड़ सम्मान करूँ
मैं, उन महा दान वीरों का,
दान, भोग और नाश, गति ये धन
की तीन बतावें सै
जो ना देता और ना खाता, उस धन का नाश बतावें सै
संस्कार और दिल के सच्चे,
ये दानी लोग बतावें सै
"चमन" कहे ना दुनिया न्यारी,
ये अपने बीच बतावें सै
दान दिए धन घटता कौन्या—2 यह कहना है संतों का,
जब भी विपत पड़ी भारत मै,
रहा योगदान वीरों का,
अरे! हाथ जोड़ सम्मान करूँ
मैं, उन महा दानवीरों का,
रचयिता – चमनलाल
( हिंदी प्रवक्ता)
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