दिशाहीन युवा -जिम्मेदार कौन ? ( Dihaheen Yuva)




दिशाहीन युवा- 

यह हमारे लिए बड़े गर्व का विषय है कि हमारा देश दुनिया का सबसे युवा देश हैI किसी भी देश के युवा उस देश की ताकत होते हैंI लेकिन यह खुशी उस वक्त काफूर हो जाती है, जब रोज अखबारों में युवाओं के विभिन्न प्रकार के अपराधों में संलिप्त होने की खबरें पढ़ने को मिलती हैI अब अनायास ही एक प्रश्न हमारे दिमाग में आता है कि इन सब के लिए जिम्मेदार कौन है?  मेरे विचार में इन सबके लिए किसी एक पक्ष को जिम्मेदार ठहराना न्याय उचित नहीं होगाI  मैं समझता हूं कि विभिन्न कारणों में से निम्नलिखित कुछ कारण काफी हद तक जिम्मेदार है 1

शिक्षा संस्कार:-

 पिछले साल एक खबर आई कि माध्यमिक कक्षा के एक छात्र ने प्राथमिक कक्षा के छात्र (नामचीन निजी विद्यालय ) की उसी विद्यालय के शौचालय में केवल इस कारण से हत्या कर दी ताकि परीक्षा स्थगित हो सके I एक अन्य घटना के अनुसार एक छात्र ने अपनी प्रिंसिपल को गोली मार दीI उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने उस छात्र की शिकायत उनके अभिभावकों से कर दीI उससे भी शर्म कि बात ये सामने आई कि एक साल पहले एक प्रोफ़ेसर ने अपने ही हाथों से अपनी बुजुर्ग मां को छत से नीचे फेंक दिया ताकि वह मर जाएI
यानि अब तो बाड़ हि खेत को खाने लगी हैI यह किस तरह के संस्कार और शिक्षा दी जा रही है भावी पीढ़ी कोI  एक प्रोफेसर का अपनी मां के प्रति व्यवहार, एक शिष्य का गुरु के प्रति व्यवहार और एक वरिष्ठ छात्र अपनी से छोटे छात्र के प्रति व्यवहार ना काबिले बर्दाश्त हैI फिर भी बर्दाश्त किए जा रहे हैंI ऐसी स्थिति में भावी पीढ़ी दिशा हीन नहीं होगी तो कैसी होगीI

एकल परिवार:-
एक जमाना था, जब संयुक्त परिवार होते थेI कोई भी बच्चा खुद जब दिशा हीनता की ओर अग्रसर होता तो उस पर निगरानी रखने वाले बहुत से सदस्य होते थेI समाज के दूसरे लोग भी डान्ट दिया करते थेI अब बच्चे भी एक या दो ही होते हैंI वह भी इतने लाड़ले की बार बार गलती करने पर भी उनकी गलतियों को नजरअंदाज किया जाता हैI बाहरी व्यक्तियों के द्वारा टोकने की तो मानो अनुमति है ही नहींI धीरे-धीरे मनमर्जी बढ़ जाती हैI किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं रहता और युवा दिशा हीनता की ओर बढ़ते हैंI

 नशा:-
 युवाओं पर अंकुश ( सामाजिक और पारिवारिक) की कमी के चलते नशे की लत बढ़ना आम बात हो गई हैI ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों के आसपास नशे का कारोबार करने वाले गिरोह ज्यादा सक्रिय होते हैं और मौका लगते ही वह युवाओं को अपने जाल में फंसा लेते हैंI नशे के आदी होने के बाद वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए गैरकानूनी धंधों को में संलिप्त हो जाते हैंI

 बेरोजगारी :-

इन्कम चाहे कुछ भी नहीं हो, पर हर किसी को सारी शानो शौकत की सारी चीजें जरूर चाहिए I इन जरूरतों को पूरा करने के लिए चोरी, जुआ, धोखेबाजी, जैसे गैरकानूनी हथकंडे अपनाते हैंI इस दलदल में फंसने के बाद उससे निकलना बड़ा हि मुश्किल काम हो जाता हैI
 ऐसे बहुत सारे और भी कारक है, जिनके कारण आज के बहुत से युवा दिशाहीन हो रहे हैंI जरूरत है उन्हें अच्छी शिक्षा, संस्कार देने की I उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की I उन्हें आत्म निर्भरता की ओर ले जाने की, ताकि सबसे युवा देश को एक विकसित देश बनाया जा सके और दुनिया में भारत को और अधिक सम्मान की नजरों से देखा जाएI
 धन्यवादI

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