संदेश

फ़रवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अनुशासन (Discipline) क्यों जरुरी है ?

हम में से हर कोई स्वछंद जीवन जीना चाहता है I हम अपने तरीके से जीवन जीना चाहते हैं I हम नहीं चाहते कि कोई भी हमें किसी बात पर टोके Iलेकिन शायद हम ये भूल जाते हैं कि सभी दवाइयां मीठी नहीं होती और इलाज करवाने के लिए हमें कडवी दवाइयों का भी सेवन करना पड़ता है I अनुशासन भी एक कडवी दवा है I जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासित होना अति आवश्यक है I हमारे अध्यापक, माता- पिता या शुभचिंतक हमें न चाहते हुए भी इस अनुशासन रूपी कडवी दवा का सेवन करवाते रहते हैं I कुछ   काम न चाहते हुए भी हमें करने पड़ते हैं I हम, अध्यापक या माता पिता न   चाहते हुए भी बच्चों को टोकते हैं, डांटते हैं –क्योंकि हम उनका भला चाहते हैं I एक मां दिनभर मजदूरी करने के बाद घर के काम निपटाती है बच्चों को संभालती है और फिर थकी हारी सो जाती है I लेकिन रात को अगर उसका बच्चा रोने लग जाये तो क्या वह नहीं जागेगी ? अवश्य जागेगी जनाब, क्योंकि प्यार और जिम्मेदारी का अहसास उसे ऐसा करने को मजबूर करते है I ठीक इसी प्रकार न चाहते हुए भी अध्यापक और माता –पिता जब बच्चों को   कुछ गलत करते हुए पातें हैं तो उनको डांटते और धमकाते ह...

SPEECH -समाज में कैसे आचरण करें? How should we behave in society?

इस दुनिया में हर व्यक्ति चाहे वो बच्चा हो, बूढा हो या हो जवान, मजदूर   हो या हो किसान, कर्मचारी हो या हो अधिकारी, हर कोई ये चाहता है कि लोग उसका सम्मान करें,उसकी तारीफ करेंI कोई मुझसे ये पूछे कि क्या ये संभव है? तो मेरा जवाब होगा – हाँ, या संभव हैI बस हमें अपने आप में कुछ बदलाव करना होगा I दुसरे अपने आप बदल जायेंगे I इसकी सम्भावना 90% हैं I 10% लोग कुत्ते कि पूंछ कि तरह व्यहार करतें हैं,चाहे कुछ भी हो जाये वो नहीं बदलने वाले I व्यवहार में दो चीजें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, वे है वाणी और कर्म I पहले हम बात करतें हैं वाणी कीI       हमारी वाणी ही एक ऐसी चीज है जिसकी वजह से व्यक्ति या तो दिल में उतर जाता है या फिर दिल से उतर जात्ता है I अगर हमें दिल में जगह बनानी है तो हमें शब्दों पर नियंत्रण करना हि होगा Iहम un शब्दों का प्रयोग न करें जिससे दूसरों के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचे I लेकिन इसका तात्पर्य ये कदापि नहीं है कि हम दूसरों को खुस करने के लिए झूठ का सहारा लें Iएगर ऐसा करने लगे तो अपेक्षा के विपरीत हमें सम्मान कि जगह त्रिस्कार   मिलने लगेगा I...